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5 भारतीय क्रिकेटर जिन्होने अपना करियर समय से पहले समाप्त होने का धोनी को दिया दोष

Rishabh Singh by Rishabh Singh
27/09/2022
in Analysis
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5 भारतीय क्रिकेटर जिन्होने अपना करियर समय से पहले समाप्त होने का धोनी को दिया दोष

भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफलतम कप्तानों में शुमार एमएस धोनी ने कई सारे नए खिलाड़ियों को अवसर दिया और उन पर भरोसा जताया जिसमें से अधिकतर आज बड़े खिलाड़ी के रूप में जाने जाते हैं।

रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, केएल राहुल और मोहम्मद शमी जैसे न जाने कितने खिलाड़ी इस सूची में शुमार हैं। लेकिन उन पर कई बेहतरीन खिलाड़ियों का करियर बर्बाद करने का भी आरोप लगता आया है।

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2013 से पहले पहले कई सारे चैंपियन खिलाड़ियों को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। हालांकि, उनकी जगह पर जिन खिलाड़ियों को भी टीम में शामिल किया गया उन्होंने भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया और उन्होंने अपनी टीम को चैंपियन भी बनाया।

इसीलिए हम इस तथ्य से बिल्कुल भी सहमत नहीं है कि एमएस धोनी ने जानबूझकर किसी खिलाड़ी को टीम से बाहर किया होगा, लेकिन पुराने खिलाड़ी उन पर अक्सर यह आरोप लगाया करते हैं। उन्होंने कई इंटरव्यू में एम एस धोनी के साथ अपनी नाराजगी को भी जाहिर किया है। धोनी के विरोधी भी उन पर यह आरोप अक्सर लगाते रहते हैं।

5 बेहतरीन खिलाड़ी जिनका करियर बर्बाद करने में एमएस धोनी का सबसे बड़ा योगदान रहा है

1 गौतम गंभीर

टी20 वर्ल्ड कप 2007 और आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में भारत की ओर से सबसे बड़ी पारी खेलने वाले गौतम गंभीर को एक चैंपियन खिलाड़ी माना जाता है। लेकिन चैम्पियंस ट्रॉफी 2013 से ठीक पहले उन्हें भारतीय वनडे टीम से बाहर कर दिया गया और उनकी जगह पर शिखर धवन को बतौर ओपनर पक्का कर दिया गया। उस समय गंभीर की उम्र 31 साल के करीब थी।

हालांकि, धवन ने भी इस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अचानक से टीम से बाहर किए जाने के चलते गंभीर आज भी समय-समय पर धोनी के विरुद्ध बात करते नजर आते हैं। क्योंकि जिस समय गंभीर को टीम से बाहर किया गया था, उस समय वो उतने बुरे फॉर्म में नहीं थे। हालांकि, अपने अंतिम वनडे मैच में वे 24 रन बनाकर आउट हुए थे और इंग्लैंड को जीत मिली थी।

#2. वीरेंद्र सहवाग:

भारतीय क्रिकेट इतिहास के बेहतरीन सलामी बल्लेबाजों में से एक वीरेंद्र सहवाग को ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनके नाम 17 हजार से भी अधिक रन दर्ज हैं। इसके अलावा वे पार्ट टाइम गेंदबाज के रूप में ठीकठाक गेंदबाजी भी किया करते थे।

लेकिन उन्हें भी चैम्पियंस ट्रॉफी 2013 से ठीक पहले वनडे टीम से बाहर कर दिया गया और उनकी जगह पर उस आईसीसी टूर्नामेंट में रोहित शर्मा से ओपनिंग कराया गया।

उसके बाद ही रोहित ने बड़े-बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए और उन्होंने सहवाग को भी कई मामलों में पीछे छोड़ दिया। फिलहाल, सहवाग को हमेशा यह शिकायत रहता है कि उन्हें अचानक से धोनी ने टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया था, लेकिन रोहित शर्मा की सफलता ने उनके भी मुँह पर ताला लगाने पर मजबूर कर दिया।

#3. प्रज्ञान ओझा:

पूर्व भारतीय स्पिनर प्रज्ञान ओझा उन खिलाड़ियों में से एक है जिनके बारे में बहुत ही कम बात की जाती है। बता दें कि, ओझा और सचिन तेंदुलकर दोनों ने अपना आखिरी टेस्ट मैच एक साथ खेला था। वे उस मैच में 10 विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द मैच भी थे, जबकि तेंदुलकर ने 74 रनों की पारी खेली थी और भारत को जीत मिली थी।

हालांकि, सचिन ने गॉर्ड ऑफ ऑनर के साथ अपना टेस्ट करियर समाप्त किया, जबकि ओझा को अच्छे प्रदर्शन के बावजूद इसके बाद दोबारा मौका नहीं मिला।

बता दें कि, साल 2014 में प्रज्ञान ओझा पर आईसीसी ने गलत गेंदबाजी एक्शन के चलते बैन भी लगा दिया था। भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 100 विकेट पूरे करने वाले ओझा पर लगा प्रतिबंध अगले ही साल हट गया और उन्हें 2015 में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलते हुए देखा गया। हालांकि, उन्होंने कभी भी धोनी को इसका दोषी नहीं बताया, लेकिन अक्सर लोग इस पर सवाल खड़े करते रहते हैं।

#4. इरफान पठान:

कपिल देव के बाद इरफान पठान ही एक ऐसे फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर थे, जिन्होंने काफी सफलता अर्जित की लेकिन उनका करियर बहुत ही जल्दी खत्म भी हो गया। 2012 में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए वनडे मैच में उन्होंने 5 विकेट झटके थे और प्लेयर ऑफ द मैच भी बने थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यही मैच उनका आखिरी वनडे मैच हो जाएगा।

बता दें कि यही मैच जहीर खान का भी आखिरी वनडे मैच था। इरफान पठान को समय-समय पर एमएस धोनी को अक्सर इसका दोषी ठहराते देखा गया है।

#5. हरभजन सिंह:

अनिल कुंबले के बाद हरभजन सिंह ही भारत के सबसे सफल स्पिनर है। वर्ल्ड कप 2011 में अपनी बेहतरीन फिरकी गेंदबाजी से भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में बड़ा योगदान देने वाले हरभजन सिंह को भी अचानक से ही टीम से बाहर कर दिया गया था। हालांकि उन्हें आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद एक बार फिर से वापसी का मौका मिला।

उन मौकों में उन्होंने ठीक-ठाक प्रदर्शन भी किया लेकिन वह चयनकर्ताओं और कप्तान एमएस धोनी को अधिक दिनों तक संतुष्ट नहीं रख पाए, जिसके चलते उनका अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म हो गया।

उस समय कई सारे इंटरव्यू में उन्होंने एमएस धोनी की बुराई भी की थी, लेकिन जब उन्हें आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स द्वारा खरीदा गया तब से उनके लहजे में पूरी तरह से बदलाव आ गया और वह पलटी मार गए। हांलकि अपने सन्यास के समय पिछले साल फिर उन्होंने सवाल उठाए।

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Rishabh Singh

bachelor and masters from Banaras Hindu University. Varansi.

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