साल के शुरुआत में विराट कोहली के दक्षिण अफ्रिका के खिलाफ चल रहे टेस्ट सीरीज के पहले मैच की दोनो पारियों में अपना पसंदीदा शॉट कवर ड्राइव लगाने के चक्कर में आउट होने पर उनके अनुशासन पर सवाल उठाए गए थे।
आइए जानते है जब सचिन तेंदुलकर को ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज बार बार कवर ड्राइव खेलने पर आउट कर रहे थे तब उन्होंने क्या किया था।
और क्यों उनको महान क्रिकेटर माना जाता हैं जो उनको विराट कोहली जैसे बल्लेबाजों से अलग बनाता है।
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— abhijeet Gautam (@gautamabhijeet1) September 10, 2022
एक इंटरव्यू में स्टीव वॉ ने याद किया कि कैसे ऑस्ट्रेलिया ने 2003-04 की श्रृंखला के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम महसूस करती थी की सचिन तेंदुलकर पर उनका अधिकार था, क्योंकि उन्होंने सचिन को अपना पसंदीदा कवर ड्राइव शॉट खेलते हुए बार-बार आउट होते देखा था।
और यह उनके ऊपर था जब भी वो चाहते सचिन को आउट करवा सकते थे।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने 1992 के पर्थ टेस्ट में भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के सनसनीखेज शतक को याद किया की कैसे सचिन ने पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया था।
तेंदुलकर उस समय केवल 18 वर्ष के थे, जब उन्होंने पर्थ की पिच पर एक यादगार शतक बनाया, वो भी उस पिच पर जहां तेज गेंदबाजों को बहुत मदद मिलता है, और इसी के साथ वह ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक दर्ज करने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बन गए।
ऑस्ट्रेलियाई यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए एक वीडियो में वॉ ने बताया कि वह सचिन के पर्थ में खेली गई पारी को देखकर पहचान गए थे की यह खिलाड़ी बहुत खास हैं।
'Straight away you knew he was special'
Cracking insights from Steve Waugh into his encounters with India legend Sachin Tendulkar! #AUSvIND pic.twitter.com/ycTtkV9N8K
— cricket.com.au (@cricketcomau) January 5, 2021
“मैं इस 17 वर्षीय (सचिन तेंदुलकर) को पर्थ की उछाल और गति उछाल पिच के ऊपर शतक बनाते हुए देखा, जिस पर उपमहाद्वीप के खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन नहीं करना चाहिए था।
17 साल के इस खिलाड़ी ने शतक बनाया, जिससे सबको तुरंत ही पता चल गया कि वह खास है, कुछ अलग है।”
वॉ ने तब याद किया कि 2003-04 की श्रृंखला के दौरान ऑस्ट्रेलिया ने कैसे महसूस किया कि सचिन पर उनका कंट्रोल है, क्योंकि उन्होंने सचिन को अपना पसंदीदा कवर ड्राइव शॉट खेलते हुए बार-बार आउट होते देखा था।
अंततः मास्टर ब्लास्टर ने ऑस्ट्रेलिया की कुटिल रणनीति को भांप लिया और पिछली गलतियों से सीख लेकर गेंदबाजो द्वारा बनाए गए योजना को विफल कर दिया क्योंकि उन्होंने अपनी प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया और 2003 के सिडनी टेस्ट में एक भी कवर ड्राइव शॉट नहीं खेला और सचिन ने टेस्ट में 241 रन बनाए।
हमने थोड़ी देर के लिए सोचा कि बैट और पैड के पास से बाहर की ओर जाने वाली गेंद उनकी कमजोरी थी। हमने उन्हें एक-दो बार उन्हें वही आउट किया था और फिर योजनाबद्ध तरीके से वही गेंदे डाली ताकि शायद हम उन्हे कवर ड्राइव खेलते हुए फिर से आउट कर सकें।
“सिडनी में हमारी यही योजना थी पर उन्होंने कवर ड्राइव खेलने से इनकार कर दिया और नाबाद 241 रन बनाए। यह दिखाता है कि वह अपने खेल को अपने हिसाब से चला सकते है, और विपक्ष की योजनाओं को आसानी से विफल कर सकते है,” स्टीव वॉ ने बयान में कहा।