इंग्लैंड के खिलाफ चल रहे एजबेस्टन टेस्ट के चौथे दिन का खेल शुरू होने से पहले, भारत शीर्ष पर था और इंग्लैंड के लिए एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित करने की उम्मीद कर रहा था।
हालाँकि, कुछ “साधारण” शॉट्स ने भारतीय बल्लेबाजों को आउट किया और और भारतीय टीम महज 245 रन पर ऑल आउट हो गई।
इस हार के परिणाम स्वरूप भारत ने 5 मैचों को टेस्ट सीरीज जिसमे वह 2-1 से आगे चल रहे थे वह अब ड्रॉ हो गया है और भारत के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में पहुंचने के उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।
पहली पारी की सबसे बड़ी बढ़त जो भारत की हार में समाप्त हुई;
192 बनाम श्रीलंका गाले 2015
132 बनाम इंग्लैंड एजबेस्टन 2022
80 बनाम ऑस्ट्रेलिया एडिलेड 1992
69 बनाम ऑस्ट्रेलिया सिडनी 2008
सर्वोच्च लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया गया बनाम भारत:
378 इंग्लैंड एजबेस्टन 2022
339 ऑस्ट्रेलिया पर्थ 1977
276 वेस्टइंडीज दिल्ली 1987
240 साउथ अफ्रीका जोहान्सबर्ग 2022
सर्वोच्च लक्ष्य का इंग्लैंड ने सफलतापूर्वक पीछा किया:
378 बनाम भारत एजबस्टन 2022
359 बनाम ऑस्ट्रेलिया लीड्स 2019
332 बनाम ऑस्ट्रेलिया मेलबर्न 1928/29
315 बनाम ऑस्ट्रेलिया लीड्स 200
इसके पहले इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को भी चौथी पारी में बड़ा लक्ष्य आसानी से हासिल करते हुए हराया था,और तीनो मैच में आक्रमक गेम खेलकर 3-0 क्लीन स्वीप किया था।
बेयरस्टो ने जहां नाबाद 114 रन बनाए वही जो रूट ने भी 142 रन जोड़े और दोनो के बीच 270 रन की अटूट साझेदारी हुई।
अंत में, इंग्लैंड को 368 रनों का लक्ष्य दिया गया था और मेजबान टीम ने जिसे आसानी से 7 विकेट शेष रहते हुए हासिल कर लिया जिसमें जो रूट और जॉनी बेयरस्टो ने शतक जड़ा।
इससे पहले दक्षिण अफ्रीका में भी भारतीय गेंदबाजी ने इसी तरह आखिरी पारी में रन लुटाए थे और वो टेस्ट सीरीज प्रोटियाज टीम ने जीता।
भारतीय कोच ने बताया कौन है हार का जिम्मेदार:
भारत के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान चौथे दिन स्टंप के बाद पत्रकारों से बात की और उन्होंने अपनी टीम के बल्लेबाजी प्रदर्शन को “साधारण” करार दिया।
उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि जहां तक बल्लेबाजी का सवाल है तो हमारा दिन काफी सामान्य रहा। हम खेल में आगे थे। हम ऐसी स्थिति में थे जहां हम वास्तव में उन्हें खेल से बाहर कर सकते थे।”
“दुर्भाग्य से, ऐसा नहीं हुआ। उनमें से बहुतों ने शुरुआत की, लेकिन उसे बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए। हम उनमें से एक बड़ी पारी खेलने और बड़ी साझेदारी की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन दुर्भाग्य से, ऐसा नहीं हुआ,” राठौर ने कहा।
“हां, उन्होंने मैदान में हमारे खिलाफ शॉर्ट-बॉल योजना का इस्तेमाल किया। हमें थोड़ा बेहतर खेलना चाहिए था, रणनीति के साथ। हम इसे थोड़ा अलग तरीके से संभाल सकते थे। खिलाड़ियों ने शॉट खेलने की कोशिश की लेकिन वास्तव में उन्हें अच्छी तरह से रूपांतरित या निष्पादित नहीं कर पाए।”
“हमें फिर से सोचना होगा कि हम अगली बार इसी तरह की स्थिति में समान क्षेत्र रखने वाले समान गेंदबाजों के खिलाफ कैसे निपटते हैं। हमें उनके खिलाफ बेहतर रणनीति बनाने की जरूरत होगी।”
“बेशक, इस स्तर पर आप उम्मीद करते हैं कि लोग हमारे खिलाफ शॉर्ट गेंदबाजी करेंगे, और विशेष रूप से भारतीय टीम के खिलाफ, लोग काफी समय से शॉर्ट गेंद का इस्तेमाल कर रहे हैं। लोगों के पास इसे संभालने के अपने तरीके हैं। एक बल्लेबाज के रूप में, आपके पास इससे निपटने का आपका अपना तरीका है।”
“हम वास्तव में यह नहीं कहते हैं कि आपको यह करना है या वह करना है। एक बल्लेबाज के रूप में, आपको अपने खेल के अनुसार यह तय करने की आवश्यकता है कि उस स्थिति में और उन परिस्थितियों में आपको क्या सूट करता है। दुर्भाग्य से, आज हमारे पास जो भी योजनाएँ थीं, हम उन पर अमल नहीं कर सके।”
भारतीय बल्लेबाज दिखे शॉर्ट पिच गेंदों के आगे बेबस
मैकुलम का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वह अपने हाथ से गले के आसपास गेंदबाजी करने का इशारा कर रहे थे। मैकुलम आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स के कोच थे। वहीं, श्रेयस अय्यर उस टीम के कप्तान हैं।
दोनों ने पिछले सीजन में साथ काम किया था। अय्यर आईपीएल में भी शॉर्ट गेंदों पर कई बार आउट हुए थे। उन्होंने अपनी गलती से कुछ नहीं सीखा और इंग्लैंड में भी उसे दोहराया।
पहली पारी की तरह अय्यर के आते ही इंग्लिश तेज गेंदबाज लगातार शॉर्ट गेंद करने लगे। उनकी पसलियों और छाती को निशाना बनाया।
वह इसे छोड़ने के बजाय लगातार शॉट मारने में लगे थे। अंत में वह इसी गेंद से आउट भी हुए। इंग्लैंड की यह रणनीति काम आई और मैकुलम की टीम को सफलता मिल गई।