आईपीएल की लोकप्रियता में वृद्धि और भारतीय टीम ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में जो सफलता हासिल की है, उसकी बदौलत 2010 के बाद से भारतीय क्रिकेट का काफी विकास हुआ है।
वनडे क्रिकेट भारत का मजबूत पक्ष रहा है और उनकी पिछली दो आईसीसी चैंपियनशिप 50 ओवर के टूर्नामेंट में ही आई हैं।
50 ओवर के फॉर्मेट की बात करें तो पिछले एक दशक में भारत ने कई खिलाड़ियों को मौके दिए हैं।
कुछ आगे चलकर सफल खिलाड़ी बन गए, जबकि अन्य को पदार्पण करने के तुरंत बाद टीम से बाहर कर दिया गया। यहां ऐसे छह क्रिकेटरों की सूची दी गई है
1. संजू सैमसन – 2021 में वनडे डेब्यू
संजू सैमसन को 2021 में श्रीलंका के खिलाफ भारत के लिए एकदिवसीय क्रिकेट खेलने का मौका मिला। उन्होंने अपने पदार्पण पर 46 रन बनाए, लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें अगली श्रृंखला के लिए उपयोगी नहीं माना।
2. परवेज रसूल
जम्मू और कश्मीर के ऑलराउंडर परवेज रसूल ने 2014 में भारत के लिए अपना वनडे डेब्यू किया। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 2/60 का आंकड़ा दर्ज किया और उसके बाद कभी टीम में नहीं लौटे।
3. फ़ैज़ फ़ज़ल
ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है जब किसी खिलाड़ी को डेब्यू पर मैच जिताऊ अर्धशतक लगाने के बावजूद दोबारा खेलने का एक भी मौका न मिले। फैज फजल ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ डेब्यू पर 55* रन बनाए और फिर कभी नहीं खेलते दिखे।
वाशिंगटन सुंदर
सूची में आने वाले एक और ऑफ स्पिन गेंदबाजी ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर हैं। उन्होंने वर्ष 2017 में श्रीलंका के खिलाफ पदार्पण किया और 1/65 के आंकड़े के साथ समाप्ति की।
5. मोहम्मद सिराज – 2019 में वनडे में पदार्पण
सुंदर और यादव की तरह, मोहम्मद सिराज एक और खिलाड़ी है जो नियमित रूप से टेस्ट खेलते है लेकिन केवल एक वनडे खेला है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पदार्पण किया और 10 ओवरों में 0/76 का स्पैल फेंका।
6. शिवम दुबे
ऑलराउंडर शिवम दुबे ने 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू किया और नौ रन बनाए। उनके 0/67 के महंगे स्पैल ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया।