इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत 2008 में हुई थी। भारत में आईपीएल की शुरुआत ने हमारे क्रिकेट देखने के नजरिए और तरीके को बदल दिया।
आईपीएल की वजह से भारत के युवा खिलाड़ियों को दुनिया के महान खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला। BCCI ने लगभग एक दशक पहले IPL की शुरुआत की थी और उनका एक उद्देश्य नए खिलाड़ियों को अवसर देना भी था।
आईपीएल ने युवा खिलाड़ियों को एक बेहतरीन मंच दिया और इसी वजह से आज कई खिलाड़ी भारत के लिए खेल रहे हैं। हार्दिक पांड्या ,जसप्रीत बुमराह का भारतीय टीम में आगमन और दिनेश कार्तिक की वापसी आईपीएल के कारण ही हुई हैं।
कई भारतीय खिलाड़ियों ने अपने अनुभव का इस्तेमाल आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए किया और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का नेतृत्व किया। हालांकि कुछ प्लेयर ऐसे भी है, जिन्होंने एक साल तो जबरदस्त प्रदर्शन किया लेकिन फिर वे कुछ खास नहीं कर पाए।
स्वप्निल असनोदकर
स्वप्निल असनोदकर ने आईपीएल 2008 की शुरुआत में एक सफल शुरुआत की। गोवा के खिलाड़ी ने अनुभवी ग्रीम स्मिथ के साथ राजस्थान रॉयल्स के लिए पारी की शुरुआत कर सबको चौंका दिया। उन्होंने आईपीएल 2008 में 59.71 की औसत से 418 रन बना डालें।
आईपीएल के पहले सीजन में दोनों सलामी बल्लेबाजों ने राजस्थान रॉयल्स को शानदार शुरुआत दी थी और उन्होंने 9 मैचों में 34.55 की औसत से 311 रन जोड़े थे। हालांकि, असनोदकर अगले साल अपने प्रदर्शन को दोहरा नहीं सके।
और 2009 में वह पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुए। 2009 के आईपीएल में उन्होंने 11 मैचों में केवल 112 रन ही बनाया, जिसके कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।
सौरभ तिवारी
झारखंड के सौरभ तिवारी ने आईपीएल 2010 में मुंबई के लिए शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने 16 मैचों में 419 रन बनाए, जिसमें 3 अर्धशतक शामिल थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 135.5 का था।
उसके बाद सौरभ तिवारी अगले तीन साल तक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) का हिस्सा रहे, लेकिन वह रन बनाने में नाकाम रहे। 2010 उनका सबसे अच्छा आईपीएल सीजन था लेकिन इसके बाद में उन्हें सफलता नहीं मिली।
श्रीनाथ अरविंद
श्रीनाथ अरविंद आईपीएल के चौथे सीजन में आरसीबी की टीम का हिस्सा थे। उन्होंने 2012 में बैंगलोर के लिए 13 मैच खेला और 21 विकेट लेने में सफल रहे। वह 2012 के संस्करण में बैंगलोर के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे।
श्रीनाथ अरविंद का नाम उन खिलाड़ियों में भी शामिल है जिन्होंने एक साल अच्छा प्रदर्शन किया और फिर पूरी तरह से फेल हो गए। आगे बैंगलोर को उनसे काफी उम्मीदें थीं, लेकिन बाद के सीजन में वह उन उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके।
कामरान खान
कामरान खान का गेंदबाजी एक्शन लसिथ मलिंगा की तरह ही था और यही उनकी सफलता का बड़ा राज था। वह लगातार 140 KMPH से ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे।
वह पहले सीज़न में व्यापक रूप से प्रसिद्ध हुए थे लेकिन 2008 के बाद, उन्हें ज्यादा मैच खेलने का मौका नहीं मिला। उन्होंने भारत के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेला है।