कैप्टन कूल कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी के करियर में उन पर लगे हैं ये 5 काले धब्बे:
#1 2007 के विश्वकप में मिली हार:
साल 2007 में टी20 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम को इससे ठीक पहले 2007 में ही खेले गए आईसीसी विश्वकप में करारी हार का सामना करना पड़ा था।
भारतीय टीम के इस निराशानजक प्रदर्शन का असर यह हुआ था कि महेंद्र सिंह धोनी के घर के बाहर उनके पुलते जलाए गए थे और पत्थर फेंके जाते थे। यही वजह है कि उस समय धोनी के घर के बाहर सुरक्षा बल तक तैनात करने पड़े थे।
#2 ऑस्ट्रेलिया सीबी सीरीज:

साल 2011-12 में खेली गई सीबी सीरीज के दौरान महेंद्र सिंह धोनी ने टीम के उम्रदराज खिलाड़ियों जैसे गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर की फिटनेस पर सवाल उठाए और उन्हें इस वजह से टीम से बाहर का रास्ता तक दिखा दिया गया।
जिसके चलते धोनी के खिलाफ इन खिलाड़ियों के फैन्स ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी और धोनी को खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
#3 आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग:
इस काले धब्बे को धोनी भला कैसे भूल सकते हैं। 2013 में श्रीसंत, अजीत चंडीला और अंकित चव्हाण को फिक्सिंग की संभावना के चलते गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद मुंबई पुलिस ने चेन्नई सुपरकिंग्स के गुरुनाथ मयप्पन को भी अरेस्ट किया था।
इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी के ऊपर भी आरोप लगे थे लेकिन यह आज तक साबित नहीं हो सके थे। इसके बाद सीएसके को दो साल के लिए आईपीएल में भाग लेने से बैन कर दिया गया था।
#4 रिती स्पोर्ट्स के शेयर का मामला:
साल 2015 में महेंद्र सिंह धोनी पर रिती स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के साथ संदिग्ध हिस्सेदारी के आरोप लगे थे। जिसके बाद बीसीसीआई ने इसकी जांच शुरू की थी। इसकी वजह से धोनी को काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी लेकिन जांच में कुछ भी सामने नहीं आया
5 2019 में विश्वकप में मिली हार के बाद आलोचना:
साल 2019 में भारतीय क्रिकेट टीम को न्यूजीलैंड के हाथों सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। अगर महेंद्र सिंह धोनी थोड़ी देर और पिच पर रह गए होते, तो शायद भारत उस मैच में जीत सकता था लेकिन महेंद्र सिंह धोनी को अपना विकेट गंवाने को लेकर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था।