भारतीय क्रिकेट टीम ने पिछले कई दशकों में कई महान क्रिकेटरों को देखा है। इनमें सुनील गावस्कर, कपिल देव, मोहिंदर अमरनाथ, सचिन तेंदुलकर,दिलीप वेंगसरकर जैसे कई महान खिलाड़ी शामिल हैं। इन खिलाड़ियों का जमाना काफी अलग था।
मौजूदा दौर में टी20 क्रिकेट ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है, जिससे क्रिकेट खेलने का तरीका काफी बदल गया है। पुराने दिनों के क्रिकेट शॉट्स और आज के टी20 क्रिकेट शॉट्स में काफी अंतर आ गया है।
ऐसे में कल्पना कीजिए कि अगर 90 के दशक में खेलने वाले खिलाड़ी टी20 क्रिकेट खेलते तो कैसा होता।
क्या आपने कभी सोचा है कि आज के टी20 क्रिकेट में 90 के दशक के कौन से खिलाड़ी सुपरस्टार बन सकते थे। इस लेख में, हम अनुमान लगाएंगे कि 90 के दशक के कौन से भारतीय खिलाड़ी वर्तमान के टी20 सुपरस्टार बन सकते थे।
रॉबिन सिंह
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम भारत के पूर्व खिलाड़ी रॉबिन सिंह का है। रॉबिन सिंह एक ऐसे खिलाड़ी थे जो आज के टी20 दौर में भी सुपरस्टार प्लेयर बन सकते थे। रॉबिन ने अपने रूढ़िवादी बल्लेबाजी रुख और मजबूत बॉटम हैंड के साथ भारत के लिए बहुत सारे मैच फिनिश किए है।
रॉबिन सिंह विकेटों के बीच भी बहुत तेज दौड़ते थे। इन सबके अलावा रॉबिन सिंह एक शानदार फील्डर भी थे। उन्होंने भारत के लिए 136 एकदिवसीय मैचों में 74.30 के स्ट्राइक रेट से 2336 रन बनाए।
रॉबिन भारतीय क्रिकेट टीम में गेंदबाजी के पांचवें विकल्प भी थे और उन्होंने अपने वनडे करियर में 4.79 की इकॉनमी रेट से 69 विकेट लिए।
जवागल श्रीनाथ:
जवागल श्रीनाथ भारत के एक ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्हें उतनी पहचान नहीं मिली, जिसके वह हकदार थे। पुराने दिनों में भारत की तेज गेंदबाजी उतनी शानदार नहीं थी, जितनी आज देखी जाती है।
उस दौर में भी, जवागल श्रीनाथ ने वेंकटेश प्रसाद के साथ मिलकर कई विरोधी टीमों के बल्लेबाजी क्रम को नष्ट कर दिया।
कर्नाटक के इस तेज गेंदबाज ने 1991 में पदार्पण किया और 229 एकदिवसीय मैचों में 4.44 की इकॉनमी रेट से 315 विकेट लिए। उन्होंने 67 टेस्ट मैचों में 236 विकेट भी लिए। तो इसमें कोई शक नहीं कि जवागल श्रीनाथ टी20 फॉर्मेट में भी घातक गेंदबाज साबित हो सकते थे।
मोहम्मद अजहरुद्दीन
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन उन खिलाड़ियों में से एक हैं जो टी20 क्रिकेट में बड़ा नाम कमा सकते थे। हैदराबाद के इस बल्लेबाज ने अपने पहले ही तीन टेस्ट मैचों में लगातार तीन शतक जड़कर दुनिया को अपना हुनर दिखाया।
मोहम्मद अजहरुद्दीन गेंद को फ्लिक करने और गैप में मारने में बहुत माहिर थे। अपने करियर में उन्होंने 99 टेस्ट मैचों में 45.03 की औसत से 6215 रन बनाए। वहीं, उन्होंने 334 वनडे में 36.92 की औसत से 9378 रन जोड़े।
1996 में आयोजित भारत-दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला के दूसरे टेस्ट मैच अजहरुद्दीन ने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक खेला जब उन्होंने सिर्फ 74 गेंदों में शतक बनाया था, जो टेस्ट इतिहास में सबसे तेज शतकों में से एक है।
ऐसे में कोई शक नहीं कि मोहम्मद अजहरुद्दीन मौजूदा दौर में टी20 क्रिकेट के सुपरस्टार भी बन सकते थे।