टी20 क्रिकेट शुरू होने के बाद से दुनिया भर अलग-अलग देशों में कई सारे T20 लीग शुरू हो गए। शुरुआत में भारत में बीसीसीआई द्वारा फ्रेंचाइजी आधारित T20 लीग यानी आईपीएल का आगाज किया जिसके बाद इस टूर्नामेंट के तर्ज पर लगभग कई सारे बड़े देश जैसे ऑस्ट्रेलिया बांग्लादेश पाकिस्तान वेस्टइंडीज ने भी इस तरह के लीग अपने देशों में शुरू कराए।
पहले के समय में कई सारे ऐसे टूर्नामेंट आयोजित हुआ करते थे जिसमें कई अलग-अलग देशों के खिलाड़ी एक साथ एक ही टीम में खेला करते थे लेकिन अब उन टूर्नामेंट को बंद कर दिया गया है।
हालांकि ऐसा जरूरी नहीं था कि उनकी लोकप्रियता में कोई कमी थी लेकिन किसी ना किसी विवाद के या किसी और कारणों के चलते उन्हें बंद करना पड़ा।
नीचे हम आपको उन 3 बंद हो चुके पॉपुलर टूर्नामेंट्स की जानकारी देने जा रहे हैं जिन्हें फिर से शुरू किया जाना चाहिए।
#3. चैंपियंस लीग टी20:
भारत में आईपीएल के पहले संस्करण की सफलता के बाद चैंपियंस लीग टी20 टूर्नामेंट की घोषणा हुई। इस टूर्नामेंट का पहला संस्करण 2009 में खेला गया जिसमें दुनिया भर की अलग-अलग T20 टूर्नामेंट की टॉप 4 टीमें भाग लिया करती थी। इसका आयोजन बीसीसीआई, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका मिलकर एक साथ कराते थे।
यह टूर्नामेंट 6 सालों तक चला जो फैंस के बीच उतना लोकप्रिय नहीं रहा, जितना कि आईपीएल या अन्य टी20 लीग हुआ करते थे।
इसकी कम लोकप्रियता की वजह यह थी कि अक्सर इसमें आईपीएल की ही टॉप टीमें हमेशा मैच जीता करती थी और इस पूरे टूर्नामेंट पर भी लगभग उनका दबदबा ही रहा करता था। इसीलिए या टूर्नामेंट दर्शकों को कम पसंद आया और मजबूरन इसे बंद करना पड़ा।
#2. आईसीसी सुपर सीरीज:
1990 और 2000 के दशक में ऑस्ट्रेलियाई टीम का विश्व क्रिकेट में दबदबा हुआ करता था। इसी को ध्यान में रखते हुए आईसीसी ने एक ऐसा टूर्नामेंट आयोजित कराया जिसमें दुनियाभर की सभी टीमों के महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को मिलाकर एक टीम बनाई गई, जो ऑस्ट्रेलियाई टीम को मुकाबले में टक्कर दे सके।
आईसीसी सुपर सीरीज टूर्नामेंट 2005 में पहली और आखरी बार खेला गया था।
इस टूर्नामेंट में तीन वनडे और एक टेस्ट मैच हुए थे जिसमें सभी मैचों में ऑस्ट्रेलिया को टीम ने जीत हासिल की थी। हालांकि इस टूर्नामेंट को हर साल 4 साल बाद कराने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन यह टूर्नामेंट दूसरी बार आयोजित नहीं हो पाया।
#1. एफ्रो-एशिया कप:
एफ्रो एशिया कप का पहला संस्करण 2005 में खेला गया था, जिसे आईसीसी ने काफी विवाद और माथापच्ची के बाद फुल ओडीआई स्टेटस भी दे दिया था।
इस टूर्नामेंट का उद्देश्य अफ्रीकन क्रिकेट काउंसिल और एशियन क्रिकेट काउंसिल को बेहतर स्थिति में लाने के लिए फंड इकट्ठा करना था।
इस टूर्नामेंट में अफ्रीका XI और एशिया XI नाम की दो टीमें एक दूसरे से मुकाबला किया करती थी। अफ्रीका XI में अफ्रीकी देश जैसे दक्षिण अफ्रीका, जिंबाब्वे और केन्या के खिलाड़ी हिस्सा हुआ करते थे, जबकि एशिया इलेवन की ओर से पाकिस्तान, श्रीलंका और भारत के खिलाड़ी हिस्सा लेते थे।
एफ्रो-एशिया कप 2005 में कुल 3 वनडे मुकाबले खेले गए जिसमें अंतिम मैच बारिश के चलते रद्द हो गया। इसके अलावा यह सीरीज 1-1 की बराबरी पर समाप्त हुआ।
इसके अलावा, 2007 के टूर्नामेंट में तीन वनडे मैचों के साथ एक इंटरनेशनल मैच भी हुआ। खेले गए इन सभी मैचों को एशिया इलेवन द्वारा जीता गया। हालांकि 2007 के बाद यह टूर्नामेंट फिर से नहीं हो सका।