क्रिकेट का खेल बहुत विकसित हो गया है और दिन-ब-दिन बदलता जा रहा है। कई दिग्गज क्रिकेटर आए, खेले, जीते और फिर चुपचाप चले गए। कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने खेल से संन्यास की घोषणा करते ही अपने प्रशंसकों का दिल तोड़ दिया। प्रशंसकों के साथ-साथ विशेषज्ञों का मानना था कि उनमें से कुछ थोड़ा और आगे खेल सकते थे।
यहां पांच ऐसे क्रिकेटरों पर एक नजर डालेंगे, जिन्हें प्रशंसक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कराना चाहेंगे:
1. एबी डिविलियर्स
प्रिटोरिया के सुपरहीरो ने अपने असाधारण बल्लेबाजी कौशल के साथ क्रिकेट को नए सिरे से परिभाषित किया है। एबी डिविलियर्स लगभग सभी के चहेते हैं और क्रिकेट के मैदान पर ऐसा कुछ भी नहीं था जो एबी ने नही किया है, उनकी बल्लेबाजी देखने लायक थी।
अब्राहम बेंजामिन डिविलियर्स ने 2004 में दक्षिण अफ्रीका के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगाज किया जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट कैप प्राप्त की। कुछ समय बाद वह खेल के तीनों प्रारूपों में दक्षिण अफ्रीका के सबसे मूल्यवान खिलाड़ी बन गए। एबी ने अपने करियर की शुरुआत एक विकेटकीपर के रूप में की थी लेकिन बाद में वह एक आउटफील्डर के रूप में शिफ्ट हो गए।
मिस्टर 360 के रूप में प्रसिद्ध, AB ने दक्षिण अफ्रीका के लिए क्रमशः 8765, 9577 और 1672 रन 114 टेस्ट, 228 ODI और 78 T20I मैचों में बनाए थे। वह इंडियन प्रीमियर लीग में भी एक लीजेंड थे, उन्होंने कई सालों तक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की सेवा की। उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2018 में खेला और उसी साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
2. डेल स्टेन
बल्लेबाजों के दिलो में खौंफ जगाने के लिए ‘स्टेन गन’ नाम ही काफी था. वह हाथ में गेंद लेकर बैट्समैन के लिए बुरे सपने जैसे थे। उनकी पीढ़ी के कई बल्लेबाजों ने स्वीकार किया है कि वह सामना करने वाले सबसे कठिन गेंदबाज थे। वह गेंद को 95 मील प्रति घंटे की रफ्तार से स्विंग कराने की क्षमता रखते थे।
उन्होंने अपने देश के लिए कुछ असाधारण स्पेल फेंके हैं। वह एक दशक से अधिक समय तक दक्षिण अफ्रीका के लिए एक प्रमुख खिलाड़ी थे। डेल स्टेन एक चार्ज स्प्रिंट के साथ आते थे और क्लासिकल राइट आर्म एक्शन के साथ गेंदबाजी करते थे। उन्हें खेल के इतिहास में सबसे पूर्ण गेंदबाजों में से एक माना जाता था।
वह मौज-मस्ती के लिए 150 किमी/घंटे की स्पीड में गेंद डालते थे। वह लाल गेंद से सबसे खतरनाक थे। अपने तीखे बाउंसर्स से और आक्रामकता से बल्लेबाजों को डराते थे।
प्रोटियाज स्टार ने 2004 से 2020 के बीच 93 टेस्ट, 125 एकदिवसीय और 47 टी20 मैच खेले। उन्होंने टेस्ट में 439, वनडे में 196 और टी20ई में 64 विकेट लिए। तीनों प्रारूपों में उनका गेंदबाजी औसत लगभग 20 का था जो की शानदार है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए अपना आखिरी मैच 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ T20I में खेला था। वह कई युवा तेज गेंदबाजों के लिए एक आदर्श हैं।
3. लसिथ मलिंगा
घुंघराले बाल और स्लिंग एक्शन वाले लसिथ मलिंगा सफेद गेंद के क्रिकेट में बल्लेबाजों के लिए हमेशा से एक चुनौती हुआ करते थे। वह खेल के सबसे छोटे प्रारूप में खेलने वाले महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं। वह लगातार यॉर्कर मारते थे और गति में बदलाव से बल्लेबाजों को चकमा देते थे। उन्होंने टी20ई में श्रीलंका की कप्तानी भी की।
उनके नेतृत्व में ही श्रीलंका ने पहली बार 2014 का आईसीसी टी20 विश्व कप जीता। गाले एक्सप्रेस ने जुलाई 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट मैच में श्रीलंका के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। वह अपनी सेवानिवृत्ति तक श्रीलंका के लिए एक नियमित खिलाड़ी थे। मलिंगा टो-क्रशिंग यॉर्कर फेंकने में माहिर थे। उस गति से यॉर्कर खेलने के लिए सबसे कठिन थे। वह डेथ ओवरों के दौरान सबसे प्रभावी थे।
मलिंगा श्रीलंका के लिए एक मैच-विजेता थे, उन्होंने उनके लिए 30 टेस्ट, 226 एकदिवसीय और 84 T20I खेले। उन्होंने टेस्ट में 101 विकेट, वनडे में 338 विकेट और टी20ई में 107 विकेट लिए। वह तीनों प्रारूपों में 100 विकेट झटकने वाले कुछ चुनिंदा गेंदबाजों में से एक हैं। वह आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस के लिए भी एक प्रमुख खिलाड़ी थे। उन्होंने अपना आखिरी मैच श्रीलंका के लिए 2020 में खेला था।
4. सुरेश रैना
एक शानदार बाएं हाथ का बल्लेबाज, उपयोगी ऑफ स्पिनर और क्रिकेट के सबसे अच्छे क्षेत्ररक्षकों में से एक। सुरेश रैना एक कम्पलीट पैकेज थे। रैना एक ठोस खिलाड़ी थे जिन्होंने मैदान पर अपने अविश्वसनीय प्रदर्शन के माध्यम से विश्व क्रिकेट में अपना बड़ा नाम बनाया। रैना टीम इंडिया के लिए कुछ शानदार जीत में शामिल रहे है।
रैना भारत के सर्वश्रेष्ठ टी20 बल्लेबाजों में से एक थे, उनके पास वो सारे गियर थे जो एक टी20 बल्लेबाज के पास होने चाहिए। वह पहली गेंद से ही बैट घुमाना शुरू कर सकते थे और यहां तक कि एंकर की भूमिका भी निभा सकते थे। उन्होंने भारत के लिए कुछ महत्वपूर्ण पारियां खेली। 2011 क्रिकेट विश्व कप में उन्होंने जो कैमियो खेला, एक क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और दूसरा सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ वो अभी भी फैंस के जेहन में तरोताजा है।
सुरेश रैना को मिस्टर आईपीएल का टैग दिया गया था क्योंकि वह लंबे समय तक आईपीएल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। उन्होंने 205 आईपीएल मैचों में 5528 रन बनाए।
भारत के लिए, उन्होंने 18 टेस्ट, 226 एकदिवसीय और 78 T20I खेले। रैना ने भारत के लिए अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच 2018 में खेला था। हालांकि उन्होंने अभी तक आईपीएल से संन्यास नहीं लिया है और 2023 के आईपीएल सीजन में वापसी कर सकते हैं।
5. एमएस धोनी
यह संभवत: पिछले 4-5 वर्षों में सबसे बड़ा दिल तोड़ने वाला संन्यास था जब एमएस धोनी ने 2019 में भारत के लिए खेलना छोड़ने का फैसला किया। एमएस धोनी भारत के सबसे महान कप्तान, विकेटकीपर और फिनिशर हैं। एमएस धोनी जब तक क्रीज पर थे तब तक क्रिकेट फैन्स के मन में विश्वास हुआ करता था। ऐसा प्रतीत होता है की उनका जन्म क्रिकेट खेलने और भारत के लिए मैच जीतने के लिए ही हुआ था।
भारतीय क्रिकेट टीम ने उनकी कप्तानी में 2007 टी20 विश्व कप, 2011 क्रिकेट विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीती। अब तक, वह सभी 3 ICC ट्रॉफी जीतने वाले विश्व के एकमात्र कप्तान हैं। उनके पास सबसे बड़ा क्रिकेट दिमाग था और विश्व क्रिकेट में उनके जैसा दूसरा कप्तान नहीं देखा जा सकता हैं।
माही चेन्नई के पसंदीदा खिलाड़ी हैं। वे उन्हें प्यार से थाला कहते हैं क्योंकि उन्होंने 15 साल तक चेन्नई सुपर किंग्स का नेतृत्व किया और वह अभी भी फ्रेंचाइजी के कप्तान हैं। धोनी ने 2004 से 2019 के बीच भारत के लिए 90 टेस्ट, 350 एकदिवसीय और 98 T20I खेले। न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप सेमीफाइनल नीले रंग में उनका आखिरी गेम था।