यह केकेआर बनाम पंजाब के बीच आईपीएल 2014 का फाइनल मैच था।
कोलकाता ने टॉस जीतकर पंजाब को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया और पंजाब ने इसके जवाब में 199 रन का शानदार स्कोर बनाया।
विकेटकीपर बल्लेबाज साहा ने सिर्फ 50 गेंदों में शानदार शतक बनाया और मनन वोहरा ने 67 रन का योगदान दिया बाकी बल्लेबाज दहाई का अंक भी नही छू सके।
अब बारी आई केकेआर के बल्लेबाज़ी की और दूसरी पारी में केकेआर ने पहले ही ओवर में अपना ओपनर गंवा दिया. लेकिन मनीष पांडे की पारी की वजह से रन रेट हमेशा अच्छा बना रहा।
12वें ओवर में मनीष को अक्षर पटेल के ओवर में 60 रन पर जीवन दान मिला. इसका फायदा उठाते हुए उन्होंने अगली 15 गेंदों का सामना करते हुए महत्वपूर्ण 34 रन जोड़े।
16वें ओवर की समाप्त होने तक केकेआर का स्कोरबोर्ड पर रन थे 161/4 और मैच उनके पकड़ में था।
हालांकि, करणवीर सिंग और अक्षर पटेल ने समय समय पर मुख्य विकेट लिए और साझेदारी नही बनने दिया।और 18 ओवर के अंत में समीकरण 185/6 पंजाब के पक्ष में आ गया।
पंजाब को मोमेंटम वापस मिल गया क्योंकि अगले दो ओवर उनके प्रमुख गेंदबाजों (मिशेल जॉनसन और परविंदर अवाना) के थे और क्रीज पर पुछल्ले बल्लेबाज बचे थे।
समीकरण 12 गेंद पर 15 रन चहिए था,और टेल-एंडर्स को जानसन की गेंद का सामना करना पड़ा।जॉनसन ने जबरदस्त शुरुआत किया और अपनी पहली 5 गेंदों में उन्होंने केवल 4 रन दिए और एक विकेट भी लिया। वे सभी गेंद ऑफ साइड, ब्लॉकहोल या फुल लेंथ लंबाई के बाहर थीं।
इस मोड़ पर समीकरण 189/7 था जहां केकेआर को 7 गेंदों पर 11 रन की जरूरत थी और क्रीज पर पीयूष चावला और सुनील नरेन मौजूद थे।
जॉनसन के ओवर की आखिरी गेंद पर कुछ अजीब हुआ उसके पहले तक सब कुछ पंजाब के पक्ष में जा रहा था।
उन्होंने विविधता और अनप्रेडिक्टिबल बनने के चक्कर में शॉर्ट बॉल डाला और चावला ने एक छक्का लगा दिया।
अचानक, समीकरण 6 गेंदों में 5 रन पर आ गया, और चावला-नारायण ने इसे आखिरी ओवर में 3 गेंद बाकी रहते ही पूरा कर लिया।
इसलिए लोग मानते है कि मनीष का गिरा हुआ कैच और जॉनसन की शॉर्ट गेंद जो 19वे ओवर में आई थी अगर वो दोनो ना होता तो मैच का एक अलग परिणाम हो सकता था।
तो सवाल का जवाब है की अब तक का सबसे दुर्भग्यपूर्ण से जीते हुऐ मैच को हारने का श्रेय पंजाब को उनके पहले आईपीएल फाइनल को जाता हैं।
यह एक दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक आईपीएल टीम न केवल एक मैच हारी,साथ ही साथ अपना पहला आईपीएल खिताब पाने का अवसर भी गंवा दिया।
उसके बाद से पंजाब आज तक आईपीएल फाइनल में नही पहुंच सकी है।