भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका दूसरा वनडे: भारत के स्टैंड-इन कप्तान केएल राहुल पार्ल के बोलैंड पार्क में दूसरे एकदिवसीय मैच में दक्षिण अफ्रीका को आश्चर्यचकित करने के लिए बल्लेबाजी क्रम में थोड़ा बदलाव कर सकते हैं।
स्पिनरों का मध्य ओवरों में विकेट लेने में सक्षम नहीं होना और शीर्ष तीन द्वारा प्रदान की गई शुरुआत पर मध्य क्रम का बड़े स्कोर में ना बदल पाना ।
यही 2019 विश्व कप के बाद से एकदिवसीय मैचों में भारत की अधिकांश हार के दो मुख्य कारण हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पार्ल में पहले वनडे में ये दो मुद्दो ने एक बार फिर भारत को परेशान किया।
विराट कोहली और शिखर धवन के बीच दूसरे विकेट के लिए शानदार साझेदारी के बाद भी मेहमान टीम 31 रनो से हार गई।
भारत शुक्रवार को दूसरे वनडे में दक्षिण अफ्रीका से तीन मैचों की सीरीज में बने रहने के लिए जवाब से ज्यादा सवालों का सामना करना पड़ेगा।
ये है दूसरे वनडे बनाम दक्षिण अफ्रीका के लिए भारत की संभावित प्लेइंग इलेवन;
ऋषभ पंत: बाएं हाथ के आक्रमणकारी बल्लेबाज ने सीमित ओवरों के क्रिकेट में मंच पर अभी तक कोई बड़ी पारी नही खेली है।उनके बल्लेबाजी क्रम का इससे कुछ लेना-देना हो सकता है।
पंत ने अपने करियर की शुरुआत सफेद गेंद वाले क्रिकेट में शीर्ष क्रम से की थी, लेकिन भारत के लिए अभी तक उन्हें वह मौका नहीं मिला है।
जब रोहित शर्मा नहीं होते हैं, तो फील्ड प्रतिबंधों का उपयोग करके बड़े शॉट खेलने का मुफ्त लाइसेंस देने की योजना कामगार हो सकती है।
शिखर धवन: शिखर धवन वापसी कैसे करे इस पर एक पूरी किताब लिख सकते है। जिस पल हर कोई सोचता है की वह अब बाहर है, वह धमाकेदार वापसी करते है।
रोहित की अनुपस्थिति के कारण इलेवन में खेलने वाला बाएं हाथ का यह बल्लेबाज पहले मैच में 79 रनों के साथ भारत का शीर्ष स्कोरर था।
विराट कोहली: 71वें शतक का वो इंतजार अभी बाकी है. कोहली पहले मैच में बहुत अच्छे दिख रहे थे, बड़े ध्यान से अपने लक्ष्य के पीछा करने वाले मोड में आकर शानदार फॉर्म में लग रहे थे।
की तभी तबरेज़ शम्सी की गेंद पर उनके बल्ले का निचला किनारा लगा । भारत के पूर्व कप्तान 51 रन पर आउट हो गए लेकिन जिस तरह से वह बल्लेबाजी कर रहे है,बताता है की वह शतक मारने ही वाले है।
केएल राहुल: इस श्रृंखला के लिए भारत के कप्तान अक्सर शीर्ष क्रम पर बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह दक्षिण अफ्रीका में धवन के साथ ओपनिंग करना चाहते हैं।
लेकिन मध्य क्रम में अनुभव और मजबूती की कमी को देखते हुए, यह टीम के लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है यदि वह महत्वपूर्ण नंबर चार स्थान पर आते हैं।
जब रोहित और धवन ओपनिंग कर रहे थे तब मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हुए उन्हें काफी सफलता मिली थी।
श्रेयस अय्यर: शॉर्ट-पिच गेंदों के खिलाफ उनकी कमजोरी है और यह अब दुनिया की किसी भी टीम के लिए कोई रहस्य नहीं है।
लेकिन श्रेयस अय्यर को इसका मुकाबला करने का तरीका खोजना होगा अगर उन्हें मध्यक्रम में भारत के लिए लंबा करियर बनाना है।
सूर्यकुमार यादव: भारत बल्लेबाजी विभाग में से सूर्यकुमार यादव को बाहर करने का निर्णय आश्चर्यजनक था। दाएं हाथ के बल्लेबाज को दूसरे वनडे में जीत के लिए टीम में वापस आना चाहिए और बल्लेबाजी इकाई को गहराई प्रदान करने के लिए छठे नंबर पर बल्लेबाजी करनी चाहिए।
वेंकटेश अय्यर:
इनके लिए ये कोई पर्दापण यादगार नहीं था। राहुल का उन्हें गेंदबाजी करने के लिए एक भी ओवर नहीं दिए जाने का फैसला किया कई लोगों को चौंका दिया। अय्यर भारत के सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर हैं और उन्हें टीम के संतुलन के लिए गेंदबाजी करनी ही होगी।
रविचंद्रन अश्विन: अनुभवी ऑफ स्पिनर पहले एकदिवसीय मैच में काफी अच्छा था, लेकिन उन्हें पता होगा कि भारत को विपक्ष को 300 रन के टोटल से रोकने के लिए बीच के ओवरों में विकेट लेने की जरूरत है।
शार्दुल ठाकुर: शार्दुल हर गुजरते दिन के साथ बल्ले से सुधार कर रहे है। उन्होंने पिछले मैच में अपना पहला एकदिवसीय अर्धशतक लगाया और इससे भारत के कमजोर निचले मध्य क्रम को कुछ राहत मिली। लेकिन दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज को गेंद से भी काम करना होगा।
भुवनेश्वर कुमार: ये दाहिने हाथ के तेज गेंदबाज अब वह धारदार नहीं रहे को गेंद के साथ हुआ करते थे।
दक्षिण अफ्रीका में बचे हुए ये दो वनडे भारतीय टीम में अनुभवी सीमर के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होंगे।
जसप्रीत बुमराह: यह गेंद से शानदार थे। बुमराह को नई गेंद से एक विकेट मिला और उन्होंने अंतिम ओवरों में शानदार गेंदबाजी की, जिससे तंबा बावुमा और रस्सी वान डेर डूसन को बड़ा शॉट लगाने का मौका नहीं मिला। दूसरे मैच में भी वह इसे जारी रखना चाहेंगे।