भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने उन सब बातो पर चर्चा किया जहां भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहान्सबर्ग में दूसरा टेस्ट मैच हारने के बाद कुछ सुधार की जरूरत है। प्रोटियाज सरजमीं पर अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीत की प्रयास में लगे भारत के लिए यह एक बड़ा झटका है।
डीन एल्गर ने चौथे दिन भारत की ओर जाती हुई जीत को छीनने के लिए 96 रनों की शानदार पारी खेली। भारतीय बल्लेबाज जोहान्सबर्ग में अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में विफल रहे, जिसने बल्लेबाजी मध्यक्रम पर सवाल खड़े कर दिए है।
उन्होंने कहा कि पहले दो मैचों में विकेट बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण थे लेकिन वह चाहते हैं कि बल्लेबाज कुछ जिम्मेदारी लें और अंतिम मैच में बड़े रन बनाएं।
कोच ने कहा, ‘पहले दो टेस्ट में विकेट थोड़े मुश्किल रहे थे, ये मैं मानते हुए बल्लेबाजों को पक्ष से बोल सकता हूं। लेकिन हम बेहतर प्रदर्शन कर सकते है और हम अपने इस क्षमता पर गर्व करते हैं और बल्लेबाजी इकाई निश्चित रूप से आगे कुछ बेहतर करेगी और जब हम उन बड़े साझेदारी को प्राप्त कर लेंगे, तो शायद हम श्रृंखला अपने नाम कर सकते है, “मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में द्रविड़ ने कहा।
“हम निश्चित तौर पर पहली पारी में 60-70 रन और जोड़ सकते थे। संभवत: इससे इस खेल में महत्वपूर्ण अंतर आ सकता था और अगर हम थोड़ा बेहतर बल्लेबाजी करने की कोशिश करेंगे, हमे और सुधार करते रहने की जरूरत है।”
हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, पहली पारी में कप्तान राहुल और दूसरी पारी में चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने अर्धशतक लगाया, लेकिन उसे बड़े स्कोर में कन्वर्ट करने में असफल रहे।
हो सकता है कि शुरुआत करने वाले कुछ खिलाड़ी इसे शतक में तब्दील कर सकते थे और पहले टेस्ट में यही अंतर था क्योंकि हमारे पास पहले गेम में राहुल थे, जिन्होंने हमारे लिए शतक बनाए थे और हम जीत गए।
उन्होंने कहा, “दूसरे गेम में अफ्रीका के पास उनके कप्तान थे जिसने 96 रन बनाए और वे जीत की ओर बढ़े।”
द्रविड़ ने यह बात माना की शॉट सिलेक्शन को लेकर विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत के साथ बातचीत करने की जरूरत है। पंत ने दूसरी पारी में बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में लिए अपना विकेट तोहफे में दे दिए थेऔर वह शून्य पर आउट हो गए।
“इस मायने में, हम जानते हैं कि ऋषभ एक सकारात्मक खिलाड़ी है और उनकी अपनी एक अलग शैली है जिसमे उनको खेलना पसंद है इसमें उन्हें सफलता भी मिली है। लेकिन हाँ, निश्चित रूप से, कई बार हम उनके साथ बातचीत करेंगे, उस शॉट के समय के बारे में आप जानते हैं। कोई भी ऋषभ को अपना सकारात्मकता या आक्रामकता खिलाड़ी के तौर पर छोड़ने को लिए नहीं कहने वाला है।बस कभी-कभी ऐसा करने के लिए सही समय चुनने के की बात होती है।
खासकर जब आप अभी-अभी पिच पर आए हो, तो अपने आप को कुछ और समय देना अधिक उचित होगा। वह एक बहुत ही सकारात्मक खिलाड़ी है, ऐसा व्यक्ति है जो भारत के पक्ष में कभी भी खेल का रुख बदल सकता है, इसलिए हम उनसे यह नहीं छीनेंगे और उसे कुछ अलग बनने के लिए नही कहेंगे।उनको यह पता लगाना होगा कि हमला करने का सही समय कब है। वह सीख रहे है, वह एक खास तरीके से खेलता है लेकिन वह सीखते रहेंगे।”
सीरीज का तीसरा निर्याणक मैच 11 जनवरी को केपटाउन में खेला जाएगा मैच जीतने वाली टीम श्रृंखला भी जीत जाएगी । भारतीय टीम में बदलाव की उम्मीद है कप्तान विराट कोहली पीठ की ऐंठन से उबरने के बाद वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।