भारत बनाम दक्षिण अफ्रिका तीसरा वनडे:
भारत के स्टैंड-इन कप्तान केएल राहुल न्यूलैंड क्रिकेट ग्राउंड में तीसरे और आखिरी एकदिवसीय मैच में दक्षिण अफ्रीका को आश्चर्यचकित करने के लिए बल्लेबाजी क्रम में थोड़ा बदलाव कर सकते हैं।
भारतीय टीम राहुल के अकुशल नेतृत्व में पहले ही यह सीरीज 2–0 से गंवा चुकी है। अगले मैच में वो यह प्रयास कर सकते है की अपने कप्तानी में जीत का खाता खोलकर कुछ इज्जत बचा सके।
स्पिनरों का मध्य ओवरों में विकेट लेने में सक्षम नहीं होना और शीर्ष बल्लेबाजों द्वारा प्रदान की गई शुरुआत पर मध्य क्रम का बड़े स्कोर में ना बदल पाना यह पहले मैच का प्रमुख्य समस्या था।
दूसरे मैच में भारत को अच्छी शुरुआत मिली और पावरप्ले में बिना विकेट गवाए इंडियन टीम ने 6 के रन रेट से रन बनाए थे।और इसका पूरा श्रेय टीम में वापसी कर रहे शिखर धवन पर जाता है, उन्होंने राहुल के धीमी पारी का भी जिम्मा खुद पर लिया और दोनो के हिस्से का रन वही तेजी से बना रहे थे।
पर तेज खेलने के दबाव में वो बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में बाउंड्री पर कैच हो गए। इसके बाद भी केएल ने अपनी धीमी पारी जारी रखा और लगभग 80 गेंदों का सामना करते हुए महज 4 चौके लगाकर 50 रन बनाए।
भारत के मध्य क्रम की कमजोरी और स्पिनरों द्वारा मध्य ओवरों में विकेट लेने की क्षमता की कमी होना ही 2019 विश्व कप के बाद से एकदिवसीय मैचों में भारत की अधिकांश हार के दो मुख्य कारण हैं।
धोनी के विश्व विजेता टीम में थी अंतर था की उनके पास न सिर्फ मजबूत मध्य क्रम था बल्कि उसी मध्य क्रम से एक अतिरिक्त गेंदबाजी का विकल्प भी उपलब्ध होता था जैसा कि रैना युवराज और सहवाग कुछ ओवर कर देते थे जिससे भारत को 4 ही मुख्य गेंदबाजों का जरूरत पड़ता था।
भारत जब रविवार को तीसरे एकदिवसीय मैच में दक्षिण अफ्रीका से तीन मैचों की सीरीज में सम्मानजनक विदाई के लिए मैदान पर उतरेगी तो उनके लिए जवाब से ज्यादा सवालों का सामना करना पड़ेगा।
ये है तीसरे वनडे बनाम दक्षिण अफ्रीका के लिए भारत की संभावित प्लेइंग इलेवन;
1.शिखर धवन:
शिखर धवन वापसी कैसे करे इस पर एक पूरी किताब लिख सकते है। जिस पल हर कोई सोचता है की वह अब बाहर है, वह धमाकेदार वापसी करते है।
रोहित की अनुपस्थिति के कारण इलेवन में खेलने वाला बाएं हाथ का यह बल्लेबाज पहले मैच में 79 रनों के साथ भारत का शीर्ष स्कोरर थे और दूसरे मैच में भी उन्होंने तेज और उपयोगी पारी खेली थी।
2.ऋतुराज गायकवाड़:
ऋतुराज गायकवाड़ बहुत ही शानदार और तेज बल्लेबाजी के लिए जाने जाते है। उन्होंने आईपीएल में ढेरों रन बनाकर शानदार वापसी किए थे।
विजय हजारे ट्रॉफी में भी हाल ही में ऋतुराज ने अपने बल्ले से कहर मचाया है।इन्होंने आईपीएल 2021 में सीएसके को अपने दम पर फाइनल की ट्रॉफी जीतने में मदद की थी।
ऋतुराज बड़े मैच के खिलाड़ी है और उनको इसीलिए बड़े खेल के दिग्गजों द्वारा मैच विनर भी कहा जाता है ।वह आईपीएल टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाकर ऑरेंज कैप जितने वाले बल्लेबाज थे।
4 विराट कोहली:
71वें शतक का वो इंतजार अभी बाकी है. कोहली पहले मैच में बहुत अच्छे दिख रहे थे, बड़े ध्यान से अपने लक्ष्य के पीछा करने वाले मोड में आकर शानदार फॉर्म में लग रहे थे।
की तभी तबरेज़ शम्सी की गेंद पर उनके बल्ले का निचला किनारा लगा । भारत के पूर्व कप्तान 51 रन पर आउट हो गए लेकिन जिस तरह से वह बल्लेबाजी कर रहे है,बताता है की वह शतक मारने ही वाले है।
पर दूसरे मैच में वो तबरेज के गेंद पर फील्डर को शून्य के स्कोर पर कैच थमा बैठे थे। फिर भी उनका स्थान टीम में पक्का ही रहेगा।
4 केएल राहुल:
इस श्रृंखला के लिए भारत के कप्तान अक्सर शीर्ष क्रम पर बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह दक्षिण अफ्रीका में धवन के साथ ओपनिंग करना चाहते हैं।
लेकिन मध्य क्रम में अनुभव और मजबूती की कमी को देखते हुए, यह टीम के लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है यदि वह महत्वपूर्ण नंबर चार स्थान पर आते हैं।जब रोहित और धवन ओपनिंग कर रहे थे तब मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हुए उन्हें काफी सफलता मिली थी।
और वह अगर अपने जगह किसी और को ओपनिंग करने देते है तो वह 2 फील्डर वाले प्रबंधन का फायदा उठाकर पावरप्ले में बड़े शॉट खेलकर सामने वाली टीम पर दबाव भी डाल सकता है।
आपको बताते चले कि राहुल के नाम आईपीएल में सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड है और ये तेज बल्लेबाजी कर सकते है पर ये करना नही चाहते आइए आपको बताते है आखिर क्यों।
वही वर्तमान कप्तान साहब की आदत है की ये अपने आप को कोहली जैसा जिम्मेदार दिखाने के चक्कर में मैच फिनिशर की भूमिका निभाना चाहते है इसीलिए इनको अपने विकेट से बहुत मोह रहता है और ये धीमी बैटिंग करते है।
अगर यह नीचे आएंगे तो इनकी यह इच्छा भी पूरा हो सकता है क्योंकि बीच के ओवरों में तेज खेलने की जरूरत नहीं होती, हा लेकिन अगर अंत तक अगर बच गए तब कोई और चारा नही रहेगा।
5 ऋषभ पंत:
वैसे तो बाएं हाथ के आक्रमणकारी बल्लेबाज ने सीमित ओवरों के क्रिकेट में मंच पर अभी तक कोई बड़ी पारी नही खेली है।
लेकिन पिछले मैच में उनके बल्ले से 85 रन की उपयोगी पारी निकली थी जिसे वह इस मैच में दोहराना चाहेंगे,क्योंकि उनके में निरंतरता की कमी देखी जा सकती है।
पंत ने अपने करियर की शुरुआत सफेद गेंद वाले क्रिकेट में शीर्ष क्रम से की थी, लेकिन भारत के लिए अभी तक उन्हें वह मौका नहीं मिला है।
6. सूर्यकुमार यादव
भारत के पास अपनी बल्लेबाजी क्रम में आक्रमक शॉट खेलने वाले बल्लेबाजों के क्षमता की कमी थी जो पहले दो एकदिवसीय मैचों में काफी स्पष्ट थी।
सूर्यकुमार यादव के टीम में आने की उम्मीद है, और वह भारत के मध्य-क्रम को मजबूत करने की कोशिश करेंगे, जो कुछ समय से खराब प्रदर्शन कर रहा है। वह वेंकटेश अय्यर की जगह प्लेइंग इलेवन ले सकते हैं।
7. शार्दुल ठाकुर
शार्दुल ठाकुर के अंतिम गेम के लिए टीम में अपनी जगह बनाए रखने की संभावना है, और वह इसके लायक है भी।
वह अब तक तीन मैचों की श्रृंखला में भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे है। गेंदबाजी विभाग में ज्यादा सफलता नहीं मिलने के बावजूद, शार्दुल ने भारतीय टीम के लिए कुछ महत्वपूर्ण रन बनाए है। उन्होंने पहले एकदिवसीय मैच में नाबाद 50 रन बनाए और दूसरे एकदिवसीय मैच में नाबाद 42 रन की पारी खेली।
8. रविचंद्रन अश्विन
भारतीय टीम प्रबंधन को अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन पर विश्वास दिखाने की संभावना है, जो पहले दो एकदिवसीय मैचों में अच्छा नहीं रहा है। हालांकि वह कभी-कभी थोड़े महंगे होते है, अश्विन ऐसे व्यक्ति हैं जिन पर आप हमेशा भरोसा कर सकते हैं।
दीपक चाहर
जसप्रीत बुमराह को अंतिम गेम के लिए आराम दिए जाने की संभावना है और दीपक चाहर को उनकी जगह लेने की उम्मीद है। भारतीय गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए हैं, लेकिन बुमराह की तरह दीपक भी एक छोर से दबाव बनाए रख सकते हैं। साथ ही, वह बल्ले से भी काम करता है, एक ऐसा पहलू जिसे भारत इस समय बुरा नहीं मानेगा।
10. प्रसिद्ध कृष्ण
प्रसिद्ध कृष्णा को आउट ऑफ फॉर्म तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार की ऊपर तरजीह मिलने की संभावना है, जिन्होंने पहले दो मैचों में रन लुटाए हैं।
इस पेसर ने पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ तीन एकदिवसीय मैच खेले, जिसमें छह विकेट लिए। केपटाउन में मौका मिलने पर वह निश्चित रूप से कुछ विकेट चटकाना चाहेंगे।
11.युजवेंद्र चहल
काफी किफायती होने के बावजूद, युजवेंद्र चहल पहले दो मैचों में दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों के लिए ज्यादा खतरा पैदा नहीं कर पाए हैं, उन्होंने अभी तक सिर्फ एक विकेट लिया है। हालांकि, उनके टीम में अपना स्थान बनाए रखने की संभावना है, और वह श्रृंखला को अच्छे स्तर पर समाप्त करना भी चाहेंगे।