भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, निर्णायक तीसरा टी 20:
आज जब रोहित शर्मा के अगुवाई वाली भारतीय टीम कंगारुओं के विरुद्ध खेलने उतरी तो उनका मुख्य लक्ष्य घरेलू मैदान पर अपना दबदबा बनाए रखने का था।
कप्तान रोहित ने टॉस जीता और फिंच एंड कंपनी के पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया, बाउंस से भरी पिच पर भारतीय टीम के विरुद्ध बड़ा स्कोर खड़ा करने का लक्ष्य लेकर उतरी ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी रही।
ओपनिंग करने उतरे खतरनाक ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन ने पहले ही गेंद से धावा बोला और मैच के दूसरे ही गेंद पर छक्का जड़कर ओवर से 12 रन लूट लिए।
Cameron Green today 💥 #INDvsAUS #INDvAUS pic.twitter.com/wrEpgtoMNw
— Foresay sports தமிழ் (@ForesayThamizh) September 25, 2022
पहला विकेट फिंच का गिरा लेकिन तब तक टीम का स्कोर 3.3 ओवर में 44 हो चुका था, कप्तान 7 रन बनाकर अक्षर पटेल का शिकार बने। हालांकि दूसरी छोर पर ग्रीन ने आक्रमण जारी रखा और रिकॉर्ड तोड़ अर्धशतक जड़ दिया।
STAT: भारत के खिलाफ T20I में सबसे तेज अर्धशतक
19 कैमरून ग्रीन हैदराबाद 2022 *
20 जॉनसन चार्ल्स लॉडरहिल 2016
21 कुमार संगकारा नागपुर 2009
इसके अलावा, टी20ई में ऑस्ट्रेलिया के लिए संयुक्त चौथा सबसे तेज 50
भारत की ओर से सबसे सफल गेंदबाज एक बार फिर अक्षर रहे जिन्होंने 4 ओवरों में महज 33 रन देकर 3 विकेट झटके है, वो भी तब जब वो पावरप्ले में गेंदबाजी करने आए थे और ग्रीन सभी गेंदबाजों की धुनाई कर रहे थे।
भारत के टी20ई में सर्वाधिक विकेट के लिए चहल और भूवि में संघर्ष:
भुवनेश्वर कुमार: 79 मैच में 85 विकेट
युजवेंद्र चहल: 69 मैच में 85 विकेट
भारत को अपने 19वे ओवर से लगातार तीन मैच हराने वाले भूवी को आज कप्तान ने 18वा ओवर दिया लेकिन परिणाम नहीं बदला और उन्होंने 21 रन लुटाए।
युजवेंद्र चहल ने T20I प्रारूप में भुवनेश्वर कुमार के साथ भारत के सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में बराबरी की है।
स्टीवन स्मिथ को आउट करने के बाद वह भुवनेश्वर की बराबरी पर चले गए, जिन्होंने इससे पहले उन्होंने मैच के पांचवें ओवर में कैमरून ग्रीन को आउट किया था। भुवनेश्वर के अब 79 मैचों में 85 विकेट हैं, जबकि चहल के 69 में 85 विकेट हैं।
रोहित शर्मा – हम पहले गेंदबाजी करेंगे। ऑस्ट्रेलिया हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है, वे एक अलग तरह की चुनौती लेकर आते हैं।
हमारे लिए एक बदलाव – ऋषभ की जगह भुवी की वापसी, आखिरी गेम में हमें सिर्फ 4 गेंदबाजों की जरूरत थी, इसलिए वह (भुवनेश्वर) दुर्भाग्य से चूक गए।