भारत बनाम इंग्लैंड दूसरा वनडे: इंग्लैंड ने सीरीज के दूसरे अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैच में भारत को बुरी तरह हरा दिया जब उन्होंने महज 247 रनों का लक्ष्य रखा और 100 से जीत अपने नाम किया। लक्ष्य मामूली लग रहा था, लेकिन भारत इसके करीब भी नहीं पहुंचा।
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज रीस टॉप्ली इंग्लिश टीम के जीत के हीरो रहे उन्होंने 6 विकेट झटके और टोपले के पास अब एकदिवसीय क्रिकेट में इंग्लैंड के गेंदबाज द्वारा सर्वश्रेष्ठ आंकड़े हैं। यह रोहित की कप्तानी में भारत की 2022 एकदिवसीय मैचों में पहली हार है।
मैच के बाद रोहित शर्मा:
“हमने शुरुआत में काफी अच्छी गेंदबाजी की। उन्होंने बीच में मोईन और विली के साथ अच्छीी साझेदारी की। किसी भी तरह से लक्ष्य का पीछा किया जा सकता था लेकिन हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। वो कैच लेना चाहिए था, कुल मिलाकर हमने अच्छी गेंदबाजी की।”
“मुझे पिच ने चौंका दिया, लगा था कि पिच बेहतर और बेहतर होती जाएगी। इस तरह की टीम के खिलाफ खेलते हुए आपको अपने पांच सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज और ऑलराउंडर खिलाने की जरूरत है। जिससे आखिरी के पुछल्ले बल्लेबाज उतने अच्छे नही होते। इसलिए शीर्ष क्रम के रूप में हमेे सुनिश्चित करना होगा कि कोई एक खिलाड़ी लंबे समय तक बल्लेबाजी करे।”
लॉर्ड्स में भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर इंग्लैंड के खिलाफ पहले फील्डिंग करने का फैसला किया।
कलाई के स्पिनर युजवेंद्र चहल (47 रन देकर 4) की अगुवाई में भारतीयों ने अच्छा गेंदबाजी प्रदर्शन किया। बुमराह (2-49) और हार्दिक पांड्या (2-28) ने दो-दो विकेट लिए, जिसमें उन्हें अन्य तेज गेंदबाजों का समर्थन मिला।
इंग्लैंड के लिए मोईन अली ने सर्वाधिक 47 रन बनाए और डेविड विली (41) के साथ सातवें विकेट के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण 62 रन जोड़े।
इंग्लैंड एक समय 102 रन के स्कोर पर था और उनके ऊपरी और मध्य क्रम के 5 बल्लेबाज पवेलियन में वापस जा चुके थे, पर भारत दबाव बनाए रखने में नाकाम रही क्योंकि पुछल्ले बल्लेबाजों ने महत्वपूर्ण रन बनाए और इंग्लिश टीम ने एक बड़ा लक्ष्य रखा।
अंत में जसप्रीत बुमराह ने रीस टॉपले को 3 रन पर क्लीन बोल्ड कर मेजबान टीम को 49 ओवर में 246 रन पर ऑलआउट कर दिया और भारत को 247 रनों का एक आसान लक्ष्य मिला।
जवाब में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही क्योंकि पिछले मैच में इंग्लैंड के विरुद्ध नाबाद 76 रन बनाने वाले कप्तान रोहित इस मैच में खाता भी नहीं खोल पाए और उनकी 10 गेंद की संघर्ष भरी पारी को बाए हाथ के तेज गेंदबाज ने पगबाधा करके आउट कर दिया।
ये पहली बार नही है जब रोहित किसी बाए हाथ के तेज गेंदबाज की अंदर आती हुई गेंद पर आउट हुए हो,इसके पहले भी ट्रेंट बोल्ट और पाकिस्तान के गेंदबाजों के हाथो वो अपना विकेट गवां चुके है।
इसके कुछ समय बाद ही कई महीनों के बाद भारतीय एकदिवसीय टीम में वापसी कर रहे और पिछले मैच में भारत की 10 विकेट की जीत में नाबाद योगदान देने वाले शिखर धवन भी 9 के निजी स्कोर पर बटलर को कैच थमा बैठे।
सीरीज के पहले गेम में चोट के कारण नहीं खेल पाने वाले आउट ऑफ फॉर्म विराट कोहली नंबर 3 पर आए और उन्होंने 3 दर्शनीय चौके लगाए पर जल्द ही वो भी 16 रन बनाकर बाहर जाती लेंथ बॉल पर एक बार फिर पीछे कैच थमा बैठे।
ऋषभ पंत भी फुल टॉस गेंद लापरवाही वाला शॉट खेलकर आसान कैच थमा बैठे ,इसके बाद तो मानो विकेटों की झड़ी लग गई और देखते ही देखते भारत का स्कोर 75 रन पर 5 विकेट हो गया,और क्रीज पर पांड्या और जडेजा आ गए।
आखिरी टी 20 में शतक जड़ने वाले और शानदार फॉर्म में चल रहे सूर्यकुमार यादव ने 29 गेंदों पर 27 रन बनाए और अच्छे लय में दिखने के बाद दुर्भाग्यपूर्ण रूप से गेंद ने उनके बल्ले का किनारा लिया और स्टंप पर जा लगा।
पांड्या ने जडेजा के साथ मिलकर कुछ 28 रनों की साझेदारी की पर वो स्पिनर मोईन अली का शिकार बने और भारत की जीतने की उम्मीदें भी उन्ही के साथ चली गई।
मोहम्मद शमी ने आते ही इंग्लिश गेंदबाजी आक्रमण पर धावा बोल दिया जब उन्होंने मोईन अली को छक्का और 2 चौके शुरुआती 10 गेंदों पर जड़े दिए और 23 के स्कोर पर वो आउट हुए।
जडेजा भी लिविंगस्टोन की सीधी गेंद पर बोल्ड हो गए और इसके बाद महज औपचारिकता शेष थी क्योंकि क्रीज पर बुमराह चहल और कृष्णा आने वाले थे,जो की इंग्लिश पुछल्ले बल्लेबाजों उतना उपयोगी नहीं है।