टी20 प्रारूप क्रिकेट ने पिछले कुछ वर्षों में काफी लोकप्रियता बटोरी है।और इस तरह टी20 लीग फैंस लोगो की पहली पसंद बन गई है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आईपीएल विश्व की सबसे प्रसिद्ध क्रिकेट लीग है लेकिन आपने अन्य टी20 लीग का नाम भी जरूर सुना होगा,अन्य देशों की सबसे फेमस ऑस्ट्रेलिया के घरेलू टी20 लीग बिग बैश है।
यह एक और क्रिकेट लीग है जो बहुत सारे दर्शकों को आकर्षित करती है। यह आईपीएल जितना प्रसिद्ध तो नहीं है लेकिन यह भी एक बेहतरीन लीग है ,और बीबीएल में कई बड़े नाम खेलते हैं।
आईपीएल में तो कई विदेशी खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय क्रिकेटर बीबीएल और अन्य विदेशी लीग में क्यों नहीं खेलते हैं।
आइए आपको हम इसका कारण इस आर्टिकल बताते है।
उन्मुक्त चंद मंगलवार को बिग बैश लीग (बीबीएल) में खेलने वाले पहले भारतीय पुरुष क्रिकेटर बन गए।अब जानिए क्यों वो पहले है।
बिग बैश लीग (बीबीएल) का पहला संस्करण 2011 में ऑस्ट्रेलिया में खेला गया। यह इंडियन प्रीमियर लीग के बाद दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा देखी जाने वाली क्रिकेट लीग है।
इस लीग में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों खिलाड़ियों से मिलकर कुल आठ शहर-आधारित टीमें हिस्सा लेती हैं।
बीबीएल में टॉस के लिए सिक्के के प्रचलन की जगह बैट फ्लिप तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
बीबीएल में भारतीय खिलाड़ी क्यों नहीं होते शामिल।
भारतीय क्रिकेटर्स बीबीएल और अन्य विदेशी लीगों में क्यों नहीं खेलते हैं, इस सवाल का सीधा उत्तर यह है कि बीसीसीआई उन्हें भारत के बाहर किसी भी लीग में खेलने की अनुमति देता ही नही है।
बीसीसीआई द्वारा स्थापित नियमों और विनियमों के अनुसार, अनुबंधित या गैर-अनुबंधित किसी भी भारतीय खिलाड़ी को भारत के बाहर किसी भी फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलना वर्जित है।
बीसीसीआई के अनुसार, एक भारतीय क्रिकेटर तब तक किसी भी विदेशी लीग में भाग नहीं ले सकता जब तक कि उसने आईपीएल सहित क्रिकेट के सभी प्रारूपों से औपचारिक सन्यास की घोषणा नहीं की हो।
वही उन्मुक्त चंद की बात करे तो पहले तो उन्होंने भारत का 2012 अंडर 19 विश्व कप में भारत का नेतृत्व किया था।
भारत ने टूर्नामेंट का फाइनल जीता था और उनको अपने नाबाद 111 रनो के शानदार पारी के लिए मैन ऑफ द मैच मिला था।
फिर उन्होंने आईपीएल में दिल्ली के लिए खेला पर ज्यादा सफलता नहीं मिलने के कारण उन्होंने सभी प्रारूपों से सन्यास ले लिया फिर,वो अमेरिका चले गए और अब वही बस गए है।आगे चलकर वो अमरीकी टीम के लिए खेलते नजर आएंगे।
Not Unmukt's night tonight… Sandy gets his man! #BBL11 pic.twitter.com/W3XM0yuVaa
— KFC Big Bash League (@BBL) January 18, 2022
बीसीसीआई अन्य विदेशी लीगों में भारतीय खिलाड़ियों की मौजूदगी नहीं चाहता,क्योंकि इससे भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी केवल आईपीएल तक ही सीमित रहेगी।
यहां तक कि बीसीसीआई सिर्फ अपने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को ही नहीं बल्कि घरेलू खिलाड़ियों को भी ऐसा करने से प्रतिबंधित करता है। पर ये बात महिला खिलाडियों पर लागू नहीं होता है।
बोर्ड अपने घरेलू टूर्नामेंटों को सुरक्षित रखना चाहता है और अगर दर्शकों को इन प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेटरों को अन्य लीगों में खेलते हुए देखने का मौका मिले तो आईपीएल में रुचि कम हो सकती है।
क्या हुआ जब विदेशी लीग में भारतीय खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया
1)ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को अपना नाम द हंड्रेड ड्राफ्ट से वापस लेना पड़ा क्योंकि उनका आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स के साथ अनुबंध था।
2) 2019 में भी, इरफान पठान को बिना अनुमति के कैरेबियन प्रीमियर लीग के नीलामी में अपना नाम रखने के लिए बीसीसीआई द्वारा चेतावनी दी गई थी। बाद में उन्हें सीपीएल से अपना नाम भी वापस लेना पड़ा।
3)वही युवराज सिंह आईपीएल सहित भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद ही कनाडा में ग्लोबल टी20 लीग में खेल पाए थे।
एक बार इंस्टाग्राम पर ,सुरेश रैना ने इरफान पठान से कहा था कि बीसीसीआई को क्रिकेटरों को विदेशी घरेलू लीग में खेलने की अनुमति देनी चाहिए।
“मैं चाहता हूं कि बीसीसीआई आईसीसी या फ्रेंचाइजी के साथ कुछ ऐसी योजना बनाए जो भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग खेलने के लिए मिले।
कम से कम हमें दो अलग-अलग विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति दें। अगर हम विदेशी लीग के लिहाज से गुणवत्तापूर्ण क्रिकेट खेलते हैं तो यह हमारे लिए अच्छा होगा। सभी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी उन सभी लीगों में खेलकर ही वापसी करते हैं।”